सञ्चालन अस्त-व्यस्त
जनता मंहगाई से त्रस्त
जवानों के हौंसले पस्त
प्रजातंत्र का मंदिर ध्वस्त
संचार माध्यम सत्ता परस्त
सत्ता भ्रष्टाचार ग्रस्त
आस्मिक सूर्यास्त !?
जनता मंहगाई से त्रस्त
जवानों के हौंसले पस्त
प्रजातंत्र का मंदिर ध्वस्त
संचार माध्यम सत्ता परस्त
सत्ता भ्रष्टाचार ग्रस्त
आस्मिक सूर्यास्त !?
0 comments:
Post a Comment