मन्जिल भटक गई
रस्ते भटके गए
काफिलों के साथ साथ
रहबर भटक गए
गुमराह कौन है यहाँ .. कोई फैंसला करे
रस्ते भटके गए
काफिलों के साथ साथ
रहबर भटक गए
गुमराह कौन है यहाँ .. कोई फैंसला करे
अपने तारुफ्फ़ में बस इतना ही कह पाऊँगा ..................... कि जब तक भी जियूँगा जिंदा नज़र आऊँगा !!
0 comments:
Post a Comment