Sunday 25 November 2012

इरादे

अपने सायों को ज़रा कस के पकडे रहना 
अबके अंधेरो के इरादे और भी बदतर हैं
उजाले काँच के फानूस की हिफाज़त में हैं 
और मैंने हवाओं के हाथों में देखे पत्थर हैं

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