तुम जितना सजा लोगे इसको
ये दुनिया उतनी खूबसूरत है
कोई उतना ही चाहेगा तुम्हें
जिसे जितनी तेरी ज़रुरत है
यहाँ मतलब के हैं रिश्ते-नाते
पर फिर भी सब निभते जाते
चलो दिल को दुखाने को ही सही
तुम्हें लोग तो हैं मिलने आते
इसकी खामियाँ न गिना कारो
यूँ शिकायते न किया करो
ये ज़िन्दगी जैसी भी है
इसे सर उठा के जिया करो ...
ये दुनिया उतनी खूबसूरत है
कोई उतना ही चाहेगा तुम्हें
जिसे जितनी तेरी ज़रुरत है
यहाँ मतलब के हैं रिश्ते-नाते
पर फिर भी सब निभते जाते
चलो दिल को दुखाने को ही सही
तुम्हें लोग तो हैं मिलने आते
इसकी खामियाँ न गिना कारो
यूँ शिकायते न किया करो
ये ज़िन्दगी जैसी भी है
इसे सर उठा के जिया करो ...
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