ये कैसा दौर है
अजीब लोग हैं
घुटनों के बल चलते हैं
पुरूस्कार पाने को ....
सर कदमो में रख देते हैं
दस्तार पाने को .....
अजीब लोग हैं
घुटनों के बल चलते हैं
पुरूस्कार पाने को ....
सर कदमो में रख देते हैं
दस्तार पाने को .....
अपने तारुफ्फ़ में बस इतना ही कह पाऊँगा ..................... कि जब तक भी जियूँगा जिंदा नज़र आऊँगा !!
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