Monday 29 October 2012

रिश्ते ...

अजीब लोग हैं जो तन्हाई से घबराते है
ज़िन्दगी भर वो खुद से नहीं मिल पाते हैं
तू खुशनसीब है कि मैं तेरा कुछ भी नहीं
ऐसे रिश्ते बड़ी शिद्दत से निभाए जाते हैं
उजाले दिन भर कहीं पर भी भटकते रहें
जब शाम ढलती है मेरे घर पे चले आते हैं

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