आंसुओं को अपने ज़रा पीना सीखो
थोड़ा प्यासा रह के भी जीना सीखो
ज़ख्म अल्फाजों के रफू नहीं होते
थोड़ा होंठो को ही अपने सीना सीखो
यूँ नज़रों से दिल में नहीं उतरा करते
किसी से आँख मिलाने का करीना सीखो
थोड़ा प्यासा रह के भी जीना सीखो
ज़ख्म अल्फाजों के रफू नहीं होते
थोड़ा होंठो को ही अपने सीना सीखो
यूँ नज़रों से दिल में नहीं उतरा करते
किसी से आँख मिलाने का करीना सीखो
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